भूत की कहानी : डायनासोर की गुफा  | Dinosaur Ka Gupha Story In Hindi

0

सालों पहले मिमसपुर गांव में एक डरावना और उड़ने वाला डायनासोर रहता था। उस गांव में डायनासोर की गुफा भी थी, जहां डायनासोर अक्सर आता-जाता था। वह डायनासोर इतना खतरनाक था कि उसके मुंह से आग भी निकलती थी। हर महीने वो डायनासोर गांव में उड़ते हुए मुंह से आग निकालकर गांव के कई घरों को जला देता था।

ऐसे ही हर महीने उस गांव के कई घर और खेत जलकर राख हो जाते थे। हर तरफ उस डायनासोर का डर था। अपने गांव के लोगों को इतना परेशान देखकर राजा ने उस डायनासोर को मारने का फैसला लिया। उन्होंने उसकी गुफा में 10 से 12 सैनिक भेजे। कुछ सैनिकों ने जैसे ही डायनासोर पर चाकू से हमला किया, तो वैसे ही डायनासोर नींद से जग गया और सारे सैनिकों को मार दिया।

राजा जितनी बार भी सैनिकों को गुफा में भेजते, वो डायनासोर मुंह से आग निकालकर सभी को खत्म कर देता। इस सबसे परेशान होकर राजा ने गांव में घोषणा कर दी कि जो भी उस खतरनाक डायनासोर को मारेगा उसे वो दस हजार सोने की मोहर देंगे।

उसी गांव में एक काफी बुद्धिमान व्यक्ति भी रहता था। उसने जैसे ही यह एलान सुना, तो राजा को डायनासोर के आतंक से बचने का उपाय बता दिया। उसने कहा कि हम लोहे को पिघला लेते हैं और उससे बनने वाले लार्वे को डायनासोर पर डाल देंगे। गर्म लार्वे से बचने के लिए जैसे ही डायनासोर उड़ने लगेगा, तो पत्थरों से टकरा जाएगा और उन्हीं के नीचे दबकर उसकी जान निकल जाएगी।

राजा को उसका यह सुझाव अच्छा लगा। उन्होंने अपने सैनिकों को कहकर तुरंत लार्वा तैयार करवाया और सैनिकों के साथ डायनासोर की गुफा में पहुंच गए। फिर ठीक वैसा ही किया जैसा उस बुद्धिमान व्यक्ति ने राजा को करने के लिए कहा था। डायनासोर पर लार्वा जैसे ही गिरा वो इधर-उधर देखे बिना झटके से उड़ने लगा और गुफा से टकरा गया। इसी बीच गुफा के ऊपर के पत्थर उसके ऊपर गिरने लगे और वो उन्हीं के नीचे दबकर मर गया।

ऐसा होते ही राजा और पूरे गांव को राहत मिली और राजा ने इस तरकीब को सुझाने वाले व्यक्ति को दस हजार सोने की मोहर इनाम में दे दीं और अपने यहां मंत्री के पद पर भी उसे नियुक्त कर लिया।

कहानी से सीख : बुद्धि से मुश्किल से मुश्किल कार्य को भी पूरा किया जा सकता है।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.